सन 1987 में भारतीय शांति सेना उत्तरी श्रीलंका में शांति स्थापित करने के उद्देश्य से वहां गई लेकिन वहां तमिल टाइगर्स यानी एलटीटीई के साथ युद्ध में उसके करीब 1,200 जवान मारे गए। इस युद्ध के ज़ख़्म अभी भी हरे हैं। कहा जाता है कि भारतीय सैनिक बेवजह मारे गए। क्या भारत मजबूरी, धोखे और ग़लत रणनीति का शिकार बना था? आख़िर ऐसा क्या था कि भारत को अपनी सेना भेजनी पड़ी और उसे वहां न चाहते हुए भी लड़ना पड़ा और शर्मिंदगी झेलनी पड़ी? डिफेन्स मंत्रा के इस शो में भारतशक्ति के प्रधान संपादक और रक्षा मामलों के जानकार नितिन गोखले इस अप्रिय सैन्य कार्रवाई के बारे में विस्तार से बता हैं।
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