Rock YouTube channel with real views, likes and subscribers
Get Free YouTube Subscribers, Views and Likes

300 साल पहले क्यों बदली बद्रीनाथ की मुख्य परंपरा | BADRINATH Dham

Follow
Baramasa

आज से लगभग 1200 साल पहले एक 23 साल का सन्यासी अपने कुछ अनुयायियों के साथ सैकड़ों दिनों की पद यात्रा कर एक ऐसे घाटी नुमा स्थान पर पहुंचा, जहां से महज कुछ दूरी पर शीत पठारों का देश शुरू होता था. उसने देखा चारों ओर हिमाच्छादित पहाड़ियां हैं. एक नदी है, जो अभीअभी एक ग्लेशियर से निकल कर खुले आसमान में इतराते हुए तेज वेग से बह रही है. उस नदी के सर्द हाड़ कंपाते पानी से राहत देने के लिये एक गर्म पानी का स्रोत भी है, जिसकी गंधक की महक और भाप हजारों किलोमीटर की थकान को हर लेती है. उस नवयुवक को ये भी पता चला कि वो जिस घाटी में खड़ा है, वो हिमालय शृंखलाओं के बिल्कुल बीचोंबीच मौजूद है. कुछ देर तक उस नवयुवक ने आंखें बंद की और जब खोली तो उसके मुंह से निकला, यह पूरा इलाका अब वैष्णव क्षेत्र कहलायेगा और इस घाटी में भगवान विष्णु के सबसे बड़े धाम का प्रतिष्ठान होगा.

ये सन्यासी दिव्य नवयुवक थे आदिशंकर, जो केरल के कलाड़ी गांव से चलकर यहां तक पहुंचे थे. जिन्होंने भारत में चार मठों को स्थापित किया. कालांतर में ये ही शंकर नाम के सन्यासी आदि गुरू शंकराचार्य कहलाये. Adi Guru Shankaracharya को Hindu धर्म की पुनर्स्थापना करने का श्रेय दिया जाता है. शंकराचार्य के बाद से ही सनातन धर्म में शंकराचार्य की परंपरा शुरू हुई. महज 32 साल की उम्र में आदि गुरू ने केदारनाथ में महासमाधि ले ली थी. लेकिन अपनी मृत्यु से पहले वे अद्वैत वेदांत की रचना कर चुके थे. अद्वैतवाद के सिद्धांत के अनुसार, इस वास्तविकता और अनुभवी दुनिया की सभी चीज की जड़ें ब्रह्म से जुड़ी हुई है. उनका मानना था कि चेतना अपरिवर्तनीय है. मतलब, ब्रह्मांड में ब्रह्म ही सत्य है. उन्होंने बीस साल की उम्र से पहले ही भगवत गीता, उपनिषदों और वेदांत सूत्रों पर कई फ़िलासफ़ी लिखी. उन्होंने सांख्य दर्शन का प्रधानकारणवाद और मीमांसा दर्शन के ज्ञान कर्मसमुच्चयवाद का भी खंडन किया. सांख्यदर्शन जैन धर्म के कपिल मुनि द्वारा दिया गया है जबकि मीमांसा दर्शन महर्षि जैमिनि ने ईसा से 300 साल पहले दिया था.

सैकड़ों सालों का वक्त बीता, कई आपदाएँ आई, कई युद्ध हुए और कई अकालों से सदी गुजरी. लेकिन Badrinath हिंदू धर्म के चार संप्रदाय में से एक वैष्णव के अनुयायियों का सबसे बड़ा आस्था का केंद्र बनता गया. हर साल हजारों की संख्या में यहां देश भर से श्रद्धालु आने लगे. श्रद्धालु आने लगे तो उनकी जरूरतों के लिये दुकानें भी खुली और कुछ धर्मशालाएँ भी बनी. धीरेधीरे बद्रीनाथ मंदिर के आसपास एक छोटासा कस्बा आकार लेने लगा. इन्हीं बीत चुकी सदियों में कुछ नियम कायदे भी बने और कुछ रोचक घटनायें भी हुई. आज हम आपको बद्रीनाथ धाम की ऐसी ही तमाम रोचक जानकारी देंगे.



क्या है तंत्रसाधना वाला पहाड़ों का प्राचीन पौन धर्म?    • क्या है तंत्रसाधना वाला पहाड़ों का प...  

Master Plan से कैसे बदल रहा है Badrinath?    • Master Plan से कैसे बदल रहा है Badrin...  

#religion #badrinath #chardham #uttarakhand



Join this channel to support baramasa:

   / @baramasa  

बारामासा को फ़ॉलो करें:

Facebook:   / baramasa.in  

Instagram:   / baramasa.in  

Twitter:   / baramasa_in  

posted by reperiree6