धारा 360 CR.P.C. और परिवीक्षा अधिनियम में "भेद"
न्यायलय को विवेकाधिकार प्राप्त नही है, हआर मामले में जांच करनी होगी ।
प्रथम अपराधी को ही लाभ प्राप्त होगा।
अपराधी की उम्र के अनुसार अलग अलग प्रावधान है।
परिवक्षा अधिकारी की नियुक्ति के संबंध में कोई प्रावधान नही।
अपराध की निरहर्ता नही हटाई जा सकती।
प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट या विशिष्टतया अधिकृत द्वितीय श्रेणी मजिस्ट्रेट आदेश कर सकता है।
परिवीक्षा अधिकारी संबंधी कोई आदेश नही किया जा सकता।