छत्तीसगढ़ में ईसाई समुदाय साम्प्रदायिक संगठनों के निशाने पर है, और बस्तर में आदिवासी समाज के बहुत से लोग भी चाहे खुद होकर, चाहे किसी के उकसावे में अपने उन भाईबहनों के खिलाफ हिंसक हो गए हैं, जो कि ईसाई बन गए हैं। हालात इतने खराब हैं कि ईसाई लाशों को गांव के कब्रिस्तान से निकालकर बाहर फेंका जा रहा है। और ऐसे में पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई बिल्कुल ही नाकाफी दिख रही है, मानो वे हिन्दुत्ववादी ताकतों की हिंसा के खिलाफ खड़े भी होना नहीं चाहते हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ क्रिश्चियन फोरम के अध्यक्ष अरूण पन्नालाल से इस अखबार ‘छत्तीसगढ़’ के संपादक सुनील कुमार की एक लंबी बातचीत।