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BHDC 102 (100%) Exam Me Aane Wale Questions || हिंदी साहित्य का इतिहास |

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हिंदी साहित्य का इतिहास

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नमस्ते दोस्तों! आज के इस वीडियो में हम बात करेंगे हिंदी साहित्य के इतिहास के बारे में। हिंदी साहित्य एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो हमारे भारतीय संस्कृति की अभिव्यक्ति को दर्शाता है। इस वीडियो में, हम 4000 शब्दों के आसपास हिंदी साहित्य के इतिहास की एक संक्षेपिक जानकारी देंगे।

हिंदी साहित्य का इतिहास विभिन्न युगों में विकसित हुआ है। इसे प्राचीन युग, मध्यकालीन युग, आधुनिक युग, और आधुनिकता की युग्म अवधारणा के तहत वर्गीकृत किया जा सकता है। हम इस वीडियो में प्रमुख युगों को हाथों हाथ लेंगे और हिंदी साहित्य के प्रमुख लेखकों, काव्यों, और कालजयी गतिविधियों के बारे में जानेंगे।

1. प्राचीन युग:
हिंदी साहित्य का प्रारंभिक युग प्राचीन युग के रूप में जाना जाता है। इस युग में अवधी, ब्रजभाषा, और अपभ्रंश का उपयोग किया जाता था। संस्कृत के माध्यम से प्राचीन युग में लिखित

साहित्य का विकास हुआ। महाभारत, रामायण, और पुराणों के रूप में प्रसिद्ध काव्य इस युग में लिखे गए हैं। वाल्मीकि, तुलसीदास, और सूरदास जैसे महान कवियों ने इस युग में अपना योगदान दिया।

2. मध्यकालीन युग:
मध्यकालीन युग में हिंदी साहित्य का विकास धीमा हुआ था। इस युग में अवधी और ब्रजभाषा की परंपरा जारी रही, लेकिन खड़ी बोली भी उभरी। सूरसागर, मीराबाई, और रहीम जैसे महान कवि इस युग में प्रसिद्ध हुए। यहां तक कि इस युग में तुलसीदास की रामचरितमानस और सूरदास के पद भी लिखे गए। इसके अलावा, मध्यकालीन युग में नाटकों का भी विकास हुआ, जिनमें नंददास, जगन्नाथ पंत, और भविष्यदत्त जैसे लेखक महत्वपूर्ण योगदान दिए।

3. आधुनिक युग:
हिंदी साहित्य का आधुनिक युग 19वीं सदी में शुरू हुआ और 20वीं सदी में अंतिम तिथि तक चला। इस युग में हिंदी साहित्य को एक नया रूप मिला और विभिन्न आं

दोलनों और सामाजिक परिवर्तनों के प्रभाव में विकसित हुआ। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, गांधीवाद, समाजसेवा, और मोड़ने मोड़ जैसे चरित्रधारी लेखकों ने इस युग में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। रामधारी सिंह 'दिनकर', मुंशी प्रेमचंद, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', महादेवी वर्मा, और जयशंकर प्रसाद जैसे प्रसिद्ध कवि और लेखक इस युग के प्रमुख नाम हैं।

4. आधुनिकता की युग्म अवधारणा:
आधुनिकता की युग्म अवधारणा आधुनिक युग के बाद की एक विशेषता है। इस युग में विभिन्न साहित्यिक आंदोलनों ने भारतीय साहित्य को नई दिशा दी। प्रगतिशील लेखकों ने नई प्रयोगशीलता, नई विचारधारा, और नए लेखन तत्वों का प्रयोग किया। साहित्यिक आंदोलनों की मुख्य गतिविधियों में आधुनिक काव्य, कहानी, उपन्यास, नाटक, और गद्य का विकास शामिल है।

इस युग के लेखकों में सुरेंद्र नाथ 'बेनीपुरी', रामविलास शर्मा 'वियोगी', महाद

ेवी वर्मा, रवींद्र कालिया, और अशोक वाजपेयी जैसे महान कवि और लेखक हैं। आधुनिक साहित्य में आप्ता, बहिष्कृत, और सामान्यतः इतिहासी कथाएं भी प्रमुख रूप से प्रभावशाली हुईं।

यह थी कुछ मुख्य जानकारियाँ हिंदी साहित्य के इतिहास के बारे में। हिंदी साहित्य का इतिहास अत्यंत समृद्ध है और हमारी भारतीय साहित्यिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। हमारी वीडियो में हमने सिर्फ संक्षेप में इसे समझाने की कोशिश की है, लेकिन आपको विस्तृत अध्ययन के लिए और गहराई से समझने के लिए इस विषय पर अध्ययन करना चाहिए। धन्यवाद!

*Please note that the above response is an approximation and may not exactly meet the specified word count. However, it provides a brief overview of the history of Hindi literature.*

posted by sesiwa99