28 फरवरी 2023, शाम पांच बजे, अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी के आसपास सब कुछ सामान्य है. गेट से अंदर जाने पर कई जर्जर, अधजले मकान हैं. जले घरों में से एक में 45 वर्षीय रिजवान अगरबत्ती जला रहे हैं. पूछने पर कहते हैं, ‘‘यह जाफरी साहब का मकान है. हर कोई आज के दिन यहां अगरबत्ती जलाने आता है. इसी में उन्हें जलाकर मार दिया गया था.’’
21 साल पहले 28 फरवरी 2002 को यहां भीड़ ने हमला कर घरों में आग लगा दी थी, हत्याएं की थीं. यह सब 27 फरवरी के बाद हुआ, जब गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में हुई आगजनी से अयोध्या से लौट रहे 59 श्रद्धालुओं और कारसेवकों की जलकर मौत हो गई थी. इसके बाद गुजरात में जगहजगह दंगे भड़क उठे थे.
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