Rock YouTube channel with real views, likes and subscribers
Get Free YouTube Subscribers, Views and Likes

नरहड़ दरगाह राजस्थान। Narhad Dargah # नरहर दरगाह झुंझनु # झुंझनु दरगाह

Follow
WanderLust Blog

jhunjhunu

राजस्थान में एक दरगाह ऐसी भी हैं जिसकी गुम्बद से शक्कर बरसती थी इसी कारण यह दरगाह शक्कर बार बाबा के नाम से भी जानी जाती हैं।

शक्कर बार शाह अजमेर के सुफी संत ख्वाजा मोइनूदीन चिश्ती के समकालीन थे। तथा उन्हीं की तरह सिद्ध पुरुष थे। शक्कर बार शाह ने ख्वाजा साहब के 57 वर्ष बाद देह त्यागी थी। यहां श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर मेला भरता हैं।

यह दरगाह है झुंझुनू जिले की पवित्र हाजीब शक्करबार शाह की दरगाह, जो कौमी एकता की जीवन्त मिसाल हैं। इस दरगाह की सबसे बडी विशेषता हैं कि यहां सभी धर्मों के लोगों को अपनी अपनी पद्धति से पूजा अर्चना करने का अधिकार है । कौमी एकता की प्रतीक के रुप मे ही यहाँ प्राचीन काल से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रोज विशाल मेला भरता है जिसमे देश के विभिन्न हिस्सों से हिन्दुओं के साथ मुसलमान भी पूरी श्रद्धा से शामिल होते हैं।

राजस्थान व हरियाणा मे तो शक्कर बार बाबा को लोक देवता के रुप मे पूजा जाता है। शादी, विवाह, जन्म, मरण कोई भी कार्य हो बाबा को अवश्य याद किया जाता है इस क्षेत्र के लागो की गाय भैंसों के बच्चा जनने पर उसके दूध से जमे दही का प्रसाद पहले दरगाह पर चढ़ता हैं तभी पशु का दूध घर में इस्तेमाल होता है। हाजिब शक्कर बार साहब की दरगाह के परिसर में जाल का विशाल पेड़ हैं जिस पर जायरिन अपनी मन्नत के धागे बांधते हैं। मन्नत पूरी होने पर गांवों में रातीजगा होता है जिसमें महिलाएं बाबा के बखान के लोकगीत जकड़ी गाती हैं।

दरगाह में बने संदल की मिट्टी को लोग श्रद्धा से अपने साथ ले जाते हैं जिन्हे खाके शिफा कहा जाता हैं। लोगों की यह मान्यता है कि इस मिट्टी को शरीर पर मलने से पागलपन दूर हो जाता हैं। दरगाह में ऐसे दृश्य देखे जा सकते हैं। हजरत के अस्ताने के समीप एक चांदी का दीपक हर वक्त जलता रहता हैं। इस चिराग का काजल बडा चमत्कारी माना जाता है । इसे लगाने से नआंखों के रोग दूर होने का विश्वास हैं।

दरगाह के पीछे एक लम्बा चौडा तिबारा है जहां लोग सात दिन की चौकी भरकर वहीं रहते हैं नरहड़ दरगाह मे कोई सज्जादानसीन नही हैं। यहां के सभी खादिम अपना अपना फर्ज पूरा करते हैं। दरगाह मे बाबा के नाम पर प्रतिदिन बड़ी संख्या मे खत आते हैं जिनमें लोग अपनी अपनी समस्याओं का जिक्र कर मदद की अरदास करते हैं। दरगाह कमेटी के पूर्व सदर सिराजुल हसन फारुकी ने बताया कि जिस प्रकार ख्वाजा मोइनुदीन चिश्ती को ‘सूफियों का बादशाह ‘ कहा गया है। उसी प्रकार शक्कर बार शाह ‘बागड़ के धणी ‘ के नाम से प्रसिद्ध हैं। # राजस्थान दरगाह#प्रसिद्ध दरगाह#नरहड़ #झुंझनु न्यूज#झलको झुंझनु

posted by mansdragep