लघुकथा पशु से मनुष्य
निर्देशकनिर्माता सुनील बत्ता
मुंशी प्रेमचंद की मूलकथा पर आधारित इस कहानी में ये दर्शाया गया है की कैसे बुद्धि परिश्रम शरीर परिश्रम पर भारी पड़ती है । नीयत से खोट या मजबूरी से लाचार एक माली दुर्गा को उसका मालिक चोरी करने पे मजबूर कर देता हैं ।
शरीर श्रम और बुद्धि श्रम का फ़र्क़ कम करते हुए हमारे उच्च विचार और चरित्र एक पशु को इंसान बना सकते हैं ।
#Farmer #Nature #Labour #Equality #Reality
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