मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज के बिना मानव जीवन का कोई अस्तित्व ही नहीं है। मनुष्य को जीवन जीने के लिए और उसके विकास के लिए एक दूसरे के साथ की आवश्यकता पड़ती है। लिहाज़ा आपसी सहयोग और साझा सहअस्तित्व ही मानव जीवन के विकास और सभ्यता की पूंजी है। सभ्यता के विकास में शब्द और संवाद का अहम योगदान रहा है। मानव जीवन और उसके सतत विकास की बुनियाद ही इन्हीं शब्दों के धागों में पिरोई गई है। जो संवाद रूपी माला बनकर एकदूसरे का आलिंगन करती है और फिर संवाद की ये माला बांधती है। मनुष्यों को, समाज को, राष्ट्र को और राष्ट्रो से परे पूरे विश्व को जिसके बाद जगती है । विश्व बंधुत्व की भावना। इसी बंधुत्व की भावना को जगाने और आपसी संवाद से सौहार्द को बढ़ाने के लिए चीन में एशियाई सभ्यता संवाद सम्मेलन हो रहा है। जिसमें 48 एशियाई देशों के अलावा कई देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। आज विशेष के इस अंक में हम बात करेंगे एशियाई सभ्यता संवाद सम्मेलन की और इसके मकसद की, इसके द्वारा निकलने वाले संदेश की और जानेंगे कि मानव सभ्यता का इतिहास क्या रहा है और किन पड़ावों को पार करता हुआ मौजूदा मुकाम पर पहुंचा है....
Anchor – Vaibhav Raj Shukla
Producer Ritu Kumar, Rajeev Kumar
Production – Akash Popli
Reporter Bharat Singh Diwakar
Graphics Nirdesh, Girish, Mayank
Video Editor Rama Shankar, Harish Mourya, Satish Chandra