आज़ादी के बाद से अब तक भारत के बैंकिंग सैक्टर ने बही खातों से लेकर कम्प्यूटरीकरण तक का एक बहुत लंबा सफर तय किया है। इसमें बैंकों का विस्तार, उनकी कार्यप्रणाली से लेकर आधुनिकीकरण तक का सफर शामिल है। लेकिन एक दौर यैसा भी था जब बैंकों तक आम लोगों की पहुंच आसान नहीं थी। बैंक निजी लोगों के हाथ में थे और लोग बैंक के दरवाजे तक जाने से कतराते थे। ऐसे में आजाद भारत में बैंकिंग सेक्टर के क्षेत्र में पहला बड़ा कदम था प्राइवेट बैंकों का राष्ट्रीयकरण । 1969 में पहली बार 14 बड़े निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ था। राष्ट्रीयकरण के बाद बैंकिंग सेक्टर का व्यापक विस्तार हुआ और बैंकों के विस्तार का सफर आज काफी आगे पहुंच चुका है। आज जन धन जैसी योजनाओं के तहत गरीब से गरीब के लिए बैंकों तक पहुंच और खाता खुलवाना संभव हो चुका है। हालांकि इसी बीच बैंकों में बढ़ती एनपीए ने उनके काम काज पर असर भी डाला.... जिसकी वजह से सरकार ने बैंकिंग प्रणाली को और मजबूत बनाने और डूबे कर्ज से उबारने के लिए बैंकों का विलय भी किया । आज विशेष के इस अंक में हम बात करेंगे बैंकों के राष्ट्रीयकरण के इतिहास की..जानेंगे कब कब बैंकों के विलय हुए.. और क्या थे विलय के कारण इसके अलावा बैंकों के राष्ट्रीयकरण के बाद बढ़े बैंकिंग सेक्टर के दायरे और मौजूदा हालात पर भी चर्चा करेंगे..
Anchor Vaibhav Raj Shukla
Producer Rajeev Kumar, Ritu Kumar, Abhilasha Pathak
Production Akash Popli
Reporter Bharat Singh Diwakar
Graphics Nirdesh, Girish, Mayank
Video Editor Sheetal Koul, Pitamber Joshi, Vaseem Khan